Sunday, July 29, 2018

ब्लोगिंग से हमें बहुत से लेखकों , साहित्यकारों , पत्रकारों , संपादकों , पत्रिकाओं शिल्पकारों कलाकारों आदि के बारे में जानने के लिए मदद मिलती है 

यदि आप भी इन महँ व्यक्तित्वों के बारे में जानना चाहते हैं तो कृप[या निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए :-





शिक्षा, जॉब, व्यवसाय की आशाएँ हमारे मन मस्तिष्क पर बरसाती नदियों की तरह अपने तटबंध तोड़ देती हैं। हम न चाहते हुये भी बहाव के उस मलवे की भांति बिखर जाते हैं। ज्यादातर ऐंसा ही होता है। जब तक हम लक्ष्य निर्धारित नही करेंगे और देखा देखी के रास्तों पर दौड़ना नही छोड़ेंगे तब तक आशाओं के बिंदुओं पर निराशाओं के घाव ही उभरते रहेंगे। आज यदि संसाधनों का उचित उपयोग किया जाय तो जॉब या व्यवसाय करना सबसे सरल है बस कमी है तो खुद को सुनियोजित ढंग से आगे न बढ़ा पाने की। जल्दी आप सभी मित्रों के लिए अपने ब्लॉग पर लेकर आ रहा हूँ जॉब और व्यवसाय की कुछ जानकारियाँ। आज कल बहुत से मित्रों के साथ साथ कई उन युवाओं के फोन आते हैं जो स्कूलिंग या प्रोफेशनल कोर्स कर के उस हकीकत वाली जमीं पर पाँव रखते हैं जहाँ से जीवन की अबोध लड़ाई शुरू होती है। सबसे पहले लोग जॉब तलाशते हैं ऐंसा क्यों ? ऐंसा होना भी स्वभाविक है क्योंकि 99%लोग अपने बच्चों को जॉब के लिए ही स्कूल, कालेज या प्रोफेशनल इंस्टीट्यूटों में भेजते हैं। सायद यह एक परंपरा है, हमें इससे कैंसे निकलना है यह भी मैं अपने ब्लॉग में बताने की कोशिश करूँगा, लेकिन इन सभी के पीछे हमारी एक मानसिकता है हम लोग कभी भी परंपरा से हट के खड़े होने से डरते हैं। डर कई तरह के होते हैं समाज का डर, परिवार का डर, खुद के असफल या पीछे रह जाने का डर, इन सभी डरों में मन की स्थिति को न पहिचान पाने का डर सबसे अधिक प्रभावशाली होता है। इस डर के कई कारण होते हैं इसका भी उल्लेख किया जायेगा। हो सकता है मेरे शब्द आपको आगे ले जाने में असमर्थ हो परन्तु मेरी शत-प्रतिशत कोशिश रहेगी शब्दों को मनन करने के बाद बार बार आपका मन और मस्तिष्क आपकी आशाओं को जागृत करता रहेगा और आपको अपनी आशा अनुरूप जॉब या व्यवसाय की ओर बढ़ने की शक्ति मिल पायेगी। हाँ इसके लिए आपको ब्लॉग पर निरंतर बना रहना होगा।

Friday, July 27, 2018

अखबारों की ये हालत है
हर पेज पर छीना झपटी
कहीं पर धरती की बेचैनी
कहीं पर साँसें हैं अटकी

कहीं मधुप से मंडराते हैं
कहीं पर आग लगाते हैं
गरजना सीखो ये मेघों इनसे
ये अखबार पानी बरसाते हैं।

शाम सुबह और दिन उलझे
सूरज चाँद सितारे झुलसे
इनसे आग निकल रही है।
बच रे मानव इनके कुल से।

इसका विस्तार हुआ जब से
मानव लाचार हुआ तब से
कलम सिसकती हैं देख नजारा
मदमस्त है ये अखबार आवारा।  @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'


Wednesday, July 25, 2018

जूड़ी दाथुडी हँसुली नाथुली
कन ऊ हमारा गैहणा छा
कथगा चुनाव देखिन हमन्
फिर भी हम सब भै-बैणा छा।

पर व्है क्याच यूँ द्वी सालू मा
आपस मा ही कटेंण् लग्याँ छा
बौक्णा छा झंडा लुकारु आफूतै
भाजपा काँग्रेस बतौण् लग्याँ छा।

गाळ-घातन् नि बौल्येंदा छा इथ्गा
जथ्गा अज्क्याल् बौल्येंदा छा
अंगोठू लगैकी इथ्गा तचिग्याँ
तैका तेल सी खौलेणा छा। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'






काँटों से कभी फूलों को दर्द नही होता,
रास्ता कभी कदमों से स्वर्ग नही होता,
हर हाल में चढ़नी पड़ती हैं सीढ़ियाँ,
अपनों का साथ हो या न हो मंजिल मे कभी फर्क नही होता। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Tuesday, July 24, 2018

ट्रेनर्स एक एक सदाबहार कैरियर है, किसी भी विषय या टेक्नोलोजी को पढ़ना अपने आप ने एक अद्भुत कला है नये युवाओं के लिए सबसे बेहतरीन कैरियर सावित हो सकता हैl एम. आई. एस. (MIS) का किसी भी बड़ी कंपनी में बेहतरीन स्कोप हैl नॉएडा में एम आई एस ट्रेनिंग सेण्टर एक्सल प्रिन्स के नाम से बहुत विख्यात हैl
Prince Sethi
Excel Prince,
L 98, Sector 11, Near Metro Multi Specialty Hospital,
Noida- 201301 (U.P.) India
+91- 9953872217, 9810378217

मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।