Tuesday, December 30, 2014

तेरा हर अंदाज हमने देख लिए ये बक्त,
मैं संवार नहीं पाया हूँ तू संवार ले मुझे,
तेरा आना जाना ही गिनता रहा मैं तो, 
हर खुशी मुझ से यूँ ही निकल जाएगी l @ पंक्तियाँ सर्वाधिकार सुरक्षित राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'  

Tuesday, December 16, 2014

कब तलक स्याही सा बिखर के,

तुम दाग बनके यूँ रोज निकलोगे,

कण-कण मे पिरो दो अपनापन,

हर रोशनी के सूरज तुम्ही बनोगे । @ पंक्तियाँ- सर्वाधिकार, सुरक्षित - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।