Thursday, February 13, 2020

मल्टीलेबल या डायरेक्ट सेलिंग कंपनी और कैरियर

एक कैरियर एक उद्यम एक इंस्टिट्यूट या यूँ कहें कि यह एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान आप का अपना हो सकता है। आप यहाँ से शिक्षा, स्वस्थ्य, रोजगार, स्वरोजगार, एवं जॉब हो चाहिए पा सकते हैं। हर व्यक्ति काम केवल और केवल पैसों के लिए करता है। यदि आधुनिक नजरिये से देखा जाय तो जॉब के ऑप्शन सीमित होते जा रहे हैं व्यवसाय में इतने उतार चढ़ाव है कि मैनेज करने के लिए पापड़ बेलने पड़ते हैं। बाजार का यह स्वरूप भी एक कैरियर है और आधुनिक समय मे भारत ही नही विश्व के अनेक देशों में यदि सबसे ज्यादा इनकम वालों की बात की जाय तो मल्टी लेबल मार्केटिंग ही सबसे ऊपर हैं मगर यह रास्ता इतना आसान भी नही है हाँ यहाँ पर कदम बढ़ाने से पहले कंपनी का बैकराउंड देखना अति आवश्यक है। कई कम्पनियां उल्टे सीधे प्लान लेकर मार्किट में उतरती हैं और कुछ समय बाद बाजार में अपना नाम छोड़ कर निकल लेती हैं कुछ कंपनियां वर्षों से बाजार में अपनी पकड़ तो बना लेती हैं मगर उनके उत्पाद या तो अत्यधिक कीमती होते हैं या मंथली परचेजिंग स्किम उनको रोक लेती है लोग जॉइन तो करते हैं मगर अपनी सक्रियता नही बना पाते हैं। यदि आप भी किसी मल्टी लेबल कंपनी/ डारेक्ट सेलिंग कंपनी / चेन सिस्टम कनेक्टविटी वाली कंपनियों से जुड़े हैं या जुड़ना चाहते हैं तो चार बातों को बहुत गहराई से समझना पड़ेगा। उनमें से कंपनी प्रोफाईल, कंपनी उत्पाद, कंपनी का डिस्टिब्यूशन सिस्टम एवं कंपनी का फ्यूचर। अधिकांशतः हर मल्टीलेबल कंपनी के कुछ ही उत्पाद उस कंपनी के आधार स्तंभ होते हैं बाकी उत्पादों को कंपनी अपनी सेल और दायरा बढ़ाने के लिए जोड़ देती है। हमारे देश मे अक्सर मल्टीलेबल मार्केटिंग या डारेक्ट सेलिंग कंपनियों को नकारात्मक नजरिये से देखा जाता है। भारत मे डारेक्ट सेलिंग लॉ आने से लगभग हर कंपनी ने अपने पैकेज चेज कर दिये कहने का अर्थ है कि जोइनिंग फीस नही ली जा रही है मगर कमानियों ने नेटवर्क के द्वारा अपनी सेल के टारगेट को ज्यूँ का त्युं रखा हुआ है। मेरा फील्ड मार्केटिंग, डिजिटल मार्केटिंग का होने के कारण मैं बहुत सी कंपनियों एवं उनके सिस्टम पर लगातार रिसर्च कर चुका हूँ इसका मतलब ये नही कि मुझे ही इस फील्ड की हर जानकारी है मगर यह सत्य है कि इस क्षेत्र में आगे बढ़ने वालों के पास असीमित संभावनाएँ हैं। आआईये और अपना कैरियर पहिचाने। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' 9818583935



Friday, January 31, 2020

मल्टी सोशियल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक साथ कैंसे लाईव आ सकते हैं।

टेक्नोलॉजी दिन-प्रतिदिन बढ़ती अत्यधिक सरल होती रहती है। जिसके साथ साथ हमें भी खुद को अपडेट रखने के लिए टेक्नोलॉजीयों का साहारा लेना पड़ता है। यदि हम समय पर टेक्नोलॉजी को नही पकड़ पाते हैं तो दुनियाँ के साथ आगे नही बढ़ पाते हैं। खुद को अपडेट रखने के लिए समय और टेक्नोलॉजी का उपयोग जरूरी होता जा रहा है। यदि आप यूटूबर है, शिक्षक हैं, ब्लॉगर हैं, मोटवेशनल स्पीकर है, या किसी इनफॉरमेश3नल विषय पर लाईव सेमिनार करते हैं तो यह टेक्नोलॉजी आप के लिए महत्वपूर्ण है।
साथ ही इस विषय पर आपको अधिक जानकारी चाहिए तो आप कुलवंत नागी जी के फेसबुक पेज एवं कुलवंत नागी जी के प्रोफाईल का अवलोकन कर सकते हैं। कुलवंत नागी जी ब्लॉगर, यूटूबर, के साथ साथ के अत्यधिक कुशल डिजिटल मार्केटर भी हैं। एफिलेट मार्केटिंग कुलवंत नागी जी का मुख्य विषय है। उनके फेसबुक पेज की जानकारी के यहाँ क्लिक करें।

Friday, January 17, 2020

उठा जागा रे उत्तराखंडियों

उठा जागा रे उत्तराखंडियों
बहम इथगा पाळा न रे
मशेटु समाज कु बण्यूं
आँखी आपणी खोला रे!

बंगोर सी भुजेणा छा
डौळ सी फूकेणा छा
खौळा न इथगा तुम
तैका का तेल जना।

उठा जागा रे उत्तराखंडियों
बहम इथगा पाळा न रे
मशेटु समाज कु बण्यूं
आँखी आपणी खोला रे!

बाँझी पुंगड़ियों मा
खौड सी जमयां छां
देखा समाज तैं अपणा
मटर सी क्यांकु छिलेणा छा रे!

उठा जागा रे उत्तराखंडियों
बहम इथगा पाळा न रे
मशेटु समाज कु बण्यूं
आँखी आपणी खोला रे! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Friday, January 3, 2020

इरादा क्या है

उजाला लिए चले तुम उजाले को ढूंढने
तुम्हारी आँखों मे कुछ रोशनियाँ अलग हैं,
क्यों जला दी ये मसालें सफर में इसकदर
तुम्हारी ये परेशानियाँ हम से कुछ अलग हैं।

रोते भी खुद और हँसते भी खुद हो हर बार
इस कदर की ये बेचैनी भी तुम्हारी अलग है।
खुद ही जलाते हो खुद को खुद के लिए यूँ
तुम्हारी ये परेशानियाँ हम से कुछ अलग हैं।

दो कदम बढ़ कर यूँ लौट रहे हो हर बार
सब कुछ धूल में उड़ रहा क्या है सरकार।
कितनी दबी हैं बेचैनियाँ सीने में तुम्हारे
तुम्हारी ये परेशानियाँ हम से कुछ अलग हैं। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'



Monday, December 23, 2019

हल्दी की सब्जी

हल्दी से हम भली भांति परिचित हैं। और ये भी जानते हैं कि हल्दी हमारे भोजन के लिए कितनी खास है। यदि बात सर्दियों की हो तो कई लोगों का इम्नयूटी सिस्टम कमजोर होने से सर्दियों में कई रोगों से ग्रसित होना पड़ता है। या यूँ कह सकते हैं कि सर्दियों में कई रोग हमें जकड़ लेते हैं। तो आईये जानते हैं हल्दी के विविध रूपों के बारे में। घर हो या बाहर खाना तो हम सभी खाते हैं और उस खाने में हल्दी भी हमारी सब्जियों में मौजूद रहती है। लेकिन वह हल्दी एक मसाले के रूप में हमारी सब्जियों का हिस्सा होती है। आज बात करेंगे कच्ची हल्दी की। हल्दी अपने गुणों के कारण सदियों से इंसान के लिए उपयोगी रही है आयुर्वेद हो या किचन हर ओर हल्दी के एक से बड़े एक उदाहरण मिल ही जायेंगे।


हल्दी मेंएंटीबायोटिक गुण होने से यह हमारे दर्द से लेकर अनेक गंभीर बीमारियों तक से उभरने तक कि क्षमता रखती है। सर्दियों में जुखाम से लेकर कैंसर रोधी गुण हल्दी में विद्यमान हैं।
अब यहाँ पर प्रश्न ये है कि हम हल्दी को किस किस रूप में अपने आहार का हिस्सा बना सकते हैं।

 क्या आपने कभी हल्दी की सब्जी के बारे में सुना है ?

हल्दी की सबज्जियाँ राजस्थानी लोगो का सर्दियों में मुख्य आहार होता है यहाँ तक कहा जाता है कि जब भी उनके यहाँ सर्दियों में कोई मेहमान आता है वो लोग बड़े ही उत्साह से उन्हें हल्दी जी सब्जी खिलाते हैं। हल्दी की सब्जी कैंसे बनती है और इसके लिए हमें किस किस सामग्री की जरूरत पड़ती है जानने के लिए यहाँ क्लिक करें। 



अब यदि हल्दी के वास्तविक रुप या गुणों के बारे अधिक जानकारी चाहिए तो आप यहाँ पर पा सकते हैं।  आप सभी आग्रह है कि सर्दियों में कम से एक बार जरूर हल्दी की सब्जी का सेवन कीजिये इससे आपका शरीर सर्दियों में होने वाली  समस्याओं से निजात मिलेगी।


Saturday, December 21, 2019

हम और हमारी यादें

तुम नही आते
आजकल
व्यस्तता की
उलझनों में
सिमट कर
रह गये हैं।

पर कहाँ ?
खेत खलिहान
घर परिवार
सब तो अब
जमाने की
बातें हो चली!

हाँ कोई नया
झुनझुना मिला होगा
उसने समेट लिया
मन को मन से
तभी सब कुछ
भुलाकर गुमसुम हो।

बस लड़ रही हैं!
अपने सुकून के लिए
हम और हमारी यादें। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Friday, December 20, 2019

पलायन की धै

भैर शहरु मा धै लगाणु च
मन्खिअपरु हल्ला मचाणु
बल रोका रे रोका रे रोका
तै पलायन तै रोका .....!

बंगला गाड़ी नौकर चाकर
बच्चा पढ़ा कि भेजी ऐथर
ड्यूटी भी पूरी, जिम्मदारी निभाली सैरी,
भैर शहरु मा धै लगाणु च
मन्खिअपरु हल्ला मचाणु ....!

खुट्टी सरका नि सकदू अब
जुकडी बुथ्या नि सकदू अब
भैर शहरु मा धै लगाणु च
मन्खिअपरु हल्ला मचाणु......!

गर्मी सह नि सकदू
सर्दी मा रै नि सकदू
भैर शहरु मा धै लगाणु च
मन्खिअपरु हल्ला मचाणु.......!

बस बच्चों पर चलदु नि
दानु स्याणु क्वी मिल्ड्यू नि
भैर शहरु मा धै लगाणु च
मन्खिअपरु हल्ला मचाणु.....! @- राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'








मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।