Friday, January 17, 2020

उठा जागा रे उत्तराखंडियों

उठा जागा रे उत्तराखंडियों
बहम इथगा पाळा न रे
मशेटु समाज कु बण्यूं
आँखी आपणी खोला रे!

बंगोर सी भुजेणा छा
डौळ सी फूकेणा छा
खौळा न इथगा तुम
तैका का तेल जना।

उठा जागा रे उत्तराखंडियों
बहम इथगा पाळा न रे
मशेटु समाज कु बण्यूं
आँखी आपणी खोला रे!

बाँझी पुंगड़ियों मा
खौड सी जमयां छां
देखा समाज तैं अपणा
मटर सी क्यांकु छिलेणा छा रे!

उठा जागा रे उत्तराखंडियों
बहम इथगा पाळा न रे
मशेटु समाज कु बण्यूं
आँखी आपणी खोला रे! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Friday, January 3, 2020

इरादा क्या है

उजाला लिए चले तुम उजाले को ढूंढने
तुम्हारी आँखों मे कुछ रोशनियाँ अलग हैं,
क्यों जला दी ये मसालें सफर में इसकदर
तुम्हारी ये परेशानियाँ हम से कुछ अलग हैं।

रोते भी खुद और हँसते भी खुद हो हर बार
इस कदर की ये बेचैनी भी तुम्हारी अलग है।
खुद ही जलाते हो खुद को खुद के लिए यूँ
तुम्हारी ये परेशानियाँ हम से कुछ अलग हैं।

दो कदम बढ़ कर यूँ लौट रहे हो हर बार
सब कुछ धूल में उड़ रहा क्या है सरकार।
कितनी दबी हैं बेचैनियाँ सीने में तुम्हारे
तुम्हारी ये परेशानियाँ हम से कुछ अलग हैं। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'



Monday, December 23, 2019

हल्दी की सब्जी

हल्दी से हम भली भांति परिचित हैं। और ये भी जानते हैं कि हल्दी हमारे भोजन के लिए कितनी खास है। यदि बात सर्दियों की हो तो कई लोगों का इम्नयूटी सिस्टम कमजोर होने से सर्दियों में कई रोगों से ग्रसित होना पड़ता है। या यूँ कह सकते हैं कि सर्दियों में कई रोग हमें जकड़ लेते हैं। तो आईये जानते हैं हल्दी के विविध रूपों के बारे में। घर हो या बाहर खाना तो हम सभी खाते हैं और उस खाने में हल्दी भी हमारी सब्जियों में मौजूद रहती है। लेकिन वह हल्दी एक मसाले के रूप में हमारी सब्जियों का हिस्सा होती है। आज बात करेंगे कच्ची हल्दी की। हल्दी अपने गुणों के कारण सदियों से इंसान के लिए उपयोगी रही है आयुर्वेद हो या किचन हर ओर हल्दी के एक से बड़े एक उदाहरण मिल ही जायेंगे।


हल्दी मेंएंटीबायोटिक गुण होने से यह हमारे दर्द से लेकर अनेक गंभीर बीमारियों तक से उभरने तक कि क्षमता रखती है। सर्दियों में जुखाम से लेकर कैंसर रोधी गुण हल्दी में विद्यमान हैं।
अब यहाँ पर प्रश्न ये है कि हम हल्दी को किस किस रूप में अपने आहार का हिस्सा बना सकते हैं।

 क्या आपने कभी हल्दी की सब्जी के बारे में सुना है ?

हल्दी की सबज्जियाँ राजस्थानी लोगो का सर्दियों में मुख्य आहार होता है यहाँ तक कहा जाता है कि जब भी उनके यहाँ सर्दियों में कोई मेहमान आता है वो लोग बड़े ही उत्साह से उन्हें हल्दी जी सब्जी खिलाते हैं। हल्दी की सब्जी कैंसे बनती है और इसके लिए हमें किस किस सामग्री की जरूरत पड़ती है जानने के लिए यहाँ क्लिक करें। 



अब यदि हल्दी के वास्तविक रुप या गुणों के बारे अधिक जानकारी चाहिए तो आप यहाँ पर पा सकते हैं।  आप सभी आग्रह है कि सर्दियों में कम से एक बार जरूर हल्दी की सब्जी का सेवन कीजिये इससे आपका शरीर सर्दियों में होने वाली  समस्याओं से निजात मिलेगी।


Saturday, December 21, 2019

हम और हमारी यादें

तुम नही आते
आजकल
व्यस्तता की
उलझनों में
सिमट कर
रह गये हैं।

पर कहाँ ?
खेत खलिहान
घर परिवार
सब तो अब
जमाने की
बातें हो चली!

हाँ कोई नया
झुनझुना मिला होगा
उसने समेट लिया
मन को मन से
तभी सब कुछ
भुलाकर गुमसुम हो।

बस लड़ रही हैं!
अपने सुकून के लिए
हम और हमारी यादें। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Friday, December 20, 2019

पलायन की धै

भैर शहरु मा धै लगाणु च
मन्खिअपरु हल्ला मचाणु
बल रोका रे रोका रे रोका
तै पलायन तै रोका .....!

बंगला गाड़ी नौकर चाकर
बच्चा पढ़ा कि भेजी ऐथर
ड्यूटी भी पूरी, जिम्मदारी निभाली सैरी,
भैर शहरु मा धै लगाणु च
मन्खिअपरु हल्ला मचाणु ....!

खुट्टी सरका नि सकदू अब
जुकडी बुथ्या नि सकदू अब
भैर शहरु मा धै लगाणु च
मन्खिअपरु हल्ला मचाणु......!

गर्मी सह नि सकदू
सर्दी मा रै नि सकदू
भैर शहरु मा धै लगाणु च
मन्खिअपरु हल्ला मचाणु.......!

बस बच्चों पर चलदु नि
दानु स्याणु क्वी मिल्ड्यू नि
भैर शहरु मा धै लगाणु च
मन्खिअपरु हल्ला मचाणु.....! @- राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'








Thursday, December 19, 2019

Best app for youtubers

डिजिटल टेक्नोलॉजी दिन-प्रतिदिन बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है, कुछ डिजिटल एक्सपर्टों के अनुसार यह व्यवसाय या जॉब के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनता जा रहा है। यदि आप अपने आप मे एक सेकेंड सोच के देखें तो बिना डिजिटल उपकरणों के आप बिलकुल शून्य हैं। आज नही तो कल हमें इस क्षेत्र की ओर कदम बढ़ाना ही पड़ेगा। यूट्यूब आज एक विश्वस्तरीय पाठशाला बन चुकी है परन्तु इस पाठशाला में प्रवेश की कोई उम्र या समय सीमा नही है यदि आप क्रेटिव है तो यह क्षेत्र आपके लिए रोजगार या स्वरोजगार का बेहतर से बेहतर प्लेटफॉर्म हो सकता है। आज भी अनेक लोग इस क्षेत्र की बहुत सी तकनीकियों पर काम कर के अपने खुद के स्टेटस मैनेज कर रहे हैं। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी बात यह है कि यदि आप अच्छा ज्ञान रखते हैं या समय समय पर खुद को गूगल और यूट्यूब के नियमों के अनुसार अपडेट रखते हैं तो आपका कोई कंपटीटर नही होगा। यह एक युद्ध की भाँति है जिसके पास जितनी अच्छी तकनीकी होगी वही उतना अच्छा कैशल दिखायेगा। एक अच्छा योद्धा बनने के लिए आपको लगातार इन प्लेटफॉर्मों पर सीखना पड़ेगा। यदि आपको यूट्यूब के क्षेत्र पर कोई शंका है तो आप गूगल पर जा कर इस विषय मे ढेरों जानकारी ले सकते हैं।  

पिछले दो महीने पहले yourstory.com  पर एक आर्टिकल प्रकाशित हुआ था जिसे आप यहाँ पढ़ सकते हो।


इस आर्टिकल में केवल कुछ महिला यूटूबर की बात की गई है अधिक जानकारी के लिए आप उसे क्लिक कर सकते हैं।

आप भी यूटूबर से सीख कर अपने कौशल को लोगों तक पहुँचा सकते हो, हर व्यक्ति के अन्दर अद्भुत प्रतिभा होती है बस जरूरत है उसे पहिचानने की। आईये जानते हैं यूट्यूब पर यदि हमें वीडियो अपलोड करनी है तो उसे अच्छा बनाने के लिए कौन कौन से टूल्स उपयोग में लाने हैं और यदि हम खुद के फोन से ही यूट्यूब या ब्लॉग चला रहे हैं तो हमें किस किस एप्प की जरूरत पड़ सकती है।

यूट्यूब के लिए आपको जो एप्प चाहिए आप यहाँ क्लिक कीजिए। 

इस लिंक पर योगी योगेंद्र जी टेक्निकल योगी नाम से अपना यूट्यूब चैनल चलाते हैं आप उनके चैनल से भी कुशल यूटूबर के गुर सीख सकते हैं। यदि सीखने की ललक है तो हर ओर शिक्षालय है। दूसरा हम सभी लोगों के यूट्यूब चैनलों को लेकर एक भ्रम फैला हुआ है कि कमाई के लिए ज्यादा सब्सक्राइबर होने चाहिए। ऐंसा नही है आपका कंटेंट अच्छा और नैचरल होना चाहिए। इसके साथ आपको खुद से ही सीखना पड़ेगा का की लोग आपके किस तरह के कंटेंट या वीडियो पर अधिक आ रहे हैं। इसी के साथ आप सभी मित्रों का हार्दिक धन्यवाद। आगे भी आपके लिए कैरियर सम्बंधित विषय बस्तु लेकर आता रहूँगा।







Wednesday, December 18, 2019

बड़ा नही हूँ

बड़ा नही हूँ
हक भी नही है
बड़ा होने का!
अपनों के बीच
अपनों में रहना
अद्भुत अंदाज है
अपना होने का!
चौक खड़ियाँ वो सिलेटें
कब छोड़ दी, नही जानता
हाँ तेरे आने से
कुछ बदला है कद
मेरे छोटे होने का।
पानी धूप और हवा ने
कभी आवाज नही दी
जैंसे तुम दे रहे हो
कुछ अलग होने का।
क्या चाहते हो
अब यूँ जल कर
धूप खिला पाओगे
एक टाँग पर खड़े होकर
क्या एहसास है होने का। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'








मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।