Tuesday, April 2, 2019

तुम्हारू भी क्वी अपरू नि

तुम्हारू भी क्वी अपरू नि,
जब चांदा फुन्डु फरकै देंदा,
अपरू भांडु छोड़ि तैं देखा,
बिराणु लौट्या उठा लेंदा।

त फिर नजरू कु फर्क क्या च!
बिन बादलळुकु शरक क्या च!
यूउडान्दू बथौं किलै नाच्णु देखा
मन मा तैका ठरक क्या च? @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Saturday, March 16, 2019

यादें


यादों के नाखूनों से बचपन के रिश्तों को एक बार जरूर खरोंच कर देखें। ह्रदय पसीज जायेगा तुम्हारी आधुनिकता का।
#यादें

Thursday, March 14, 2019

मोळ माटु मन-मथिक

मोळ माटु मन-मथिक
घोळयाळी चिचौं तुमन
बाँजी पंगुड़ी सी मवासि
टापराँदी रैगे!

करयुँ धरयुँ बग्ण लग्यूँ
सिंस्याट् सी उपजुणु
मन की थाती मा
गाड़-गदन्यों कु बथौंउ!

फ्लू की डालयों पर
गौं-गुठ्यारौं की थाळयों
फूल-झाड़ू-हाथ तुमारु
छब्ळन्दू रैगे!

मोळ माटु मन-मथिक
घोळयाळी चिचौं तुमन
बाँजी पंगुड़ी सी मवासि
टापराँदी रैगे! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'




Tuesday, March 5, 2019

(Dermatoglyphics Multiple Intelligence test/ ब्रेन मैपिंग टेस्ट

व्यक्ति के अन्दर ईश्वर द्वारा प्रदत्त कोई न कोई गुण विद्यमान होता है। लेकिन हम इन गुणों को नही पहिचान पाते है उसके दुष्परिणाम भी हमारे सामने देखने को मिलते है। हम बिना किसी की क्षमता जाने उससे बेहतर परिणामों की आशा करते हैं। परीक्षाओं एवं नये स्कूली सीजन की शुरुवात भी हो रही है। हमें कैंसे अपने बच्चों के कैरियर चुनने हैं यह जानने की हमें जरूरत है। आपने देखा या सुना ही होगा फला फला व्यक्ति सुसाईड कर गया, या लगातार परिश्रम करने के बावजूद भी वो सफल नही हो रहा होता है। इससे कारणों को जानने के लिए आधुनिक समय मे बहुत से टेक्नॉलॉजियों का उपयोग किया जा रहा है। इसमें एक डी. एम. आई. टी (Dermatoglyphics Multiple Intelligence test) इस टेस्ट से माँ के पेट से जन्मे बच्चे से लेकर 40-50 साल के लोगों तक के मस्तिष्क मैपिंग परीक्षण के द्वारा उनके कार्य करने की क्षमता को परखा जा सकता है। यदि क्षमता के अनुरूप हम शिक्षा या कैरियर की ओर आगे बढ़े तो सफलता के चांसेज अधिक होते हैं। अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें। 

Tuesday, February 26, 2019

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता

दुनियॉ में तरह तरह के रोग हैं, 20% रोगों का निवारण ही हमारी मेडिकल साईंस के पास है वाकि 80% रोगों को रोकने के लिए हमें दिन-रात दवाईयों  पर निर्भर रहना पड़ता है। आईये आज जानते हैं ऐंसे खाद्य पदार्थों को जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और हमारे शरीर में रोगों को उत्तपन होने से पहले ही समाप्त कर देते हैं या उत्तपन ही नही होने देते हैं। इसने सबसे पहले नंबर पर आती है हल्दी। हल्दी में एक बेहतरीन तत्व होता है जिसका नाम लिपोपोलीसचुराईड ( Lipopolysaccharide)  होता है  इस तत्व में  एंटी बैक्ट्रीयल (Anti bacterial), एंटीवायरस (Anti viral) ,  एंटीफंगल (Anti Fungal गुण मौजूद होते हैं। ये तत्व हमारे शरीर मे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढा देते हैं हल्दी में एक और तत्व होता है करक्यूमिन ( Curcumin ) करक्यूमिन एक कैंसर प्रतिरोधक तत्व है। इसके साथ ही करक्यूमिन में इन्फ्लेमेशन तत्व भी मौजूद होते हैं ये कई रोगों से शरीर की रक्षा करते हैं। दूसरे नंबर पर उपलब्ध है अदरक। अदरक हमारे immune booster मजबूत करता है। अदरक के अंदर ये प्राकृतिक रासायनिक तत्व विद्यमान रहता है जो खून को पतला करने की क्षमता रखता है। अदरक में एक एंटी (Anti iflammetry compound) पाया जाता है जिसका नाम है जिंजोरोल (Gingerol)। इससे रोग की उत्पपन करने वाले विषाणुओं का नाश होता है।
अगला नंबर आता है लहसुन का। लहसुन के अंदर भी प्राकृतिक रूप से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। लहसुन के अन्दर एक सल्फरस तत्व मौजूद होता है जिसका नाम है एलिन (Allicin) अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें। 

Saturday, February 23, 2019

सदाबहार नींबू Lemon Sadabahar Organic lemon

समय के अनुरूप ही फसलें उगाई एवं निकाली जाती हैं मगर आज बात करते है हर मौसम में फल देने वाले नींबू के पौधे की इससे आम बोल चाल की भाषा मे सदाबहार नींबू के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर क्षेत्र में नींबू की सदाबहार प्रजाति की पौध उपलब्ध कराने वाली हीरो ऑर्गनिक फॉर्म है अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें। सभी प्रकार के फलदार पौधों की बागवानी की पौध हेतु संपर्क करें।
हीरो ऑर्गनिक फॉर्म, सहारनपुर -247001 उ.प्र.
फोन:  75358 75357, 75358 75358

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Friday, February 22, 2019

अस्थमा का अचूक इलाज

साँस रोग प्रदूषित वातावरण के कारण आम समस्या बनती जा रही। यह समस्या जब विकराल रूप धारण कर लेती है तो व्यक्ति अस्थमा की चपेट में आ जाता है। अस्थमा की समस्या से निजात पाने का घरेलू उपाय। यदि आपको अस्थमा की समस्या है तो आप चार -पांच लौंग लें और एक बर्तन में 125 मिलीलीटर पानी मे उबालें, तब तक उबालें जब तक पानी का रंग भूरा न हो जाये, उसके बाद इससे थोड़ा ठंडा होने दे जब हल्का गर्म रहे तब एक चमच्च शहद मिला कर अच्छे से घोल लें। अब इससे चाय कि तरह पियें याद रहे शहद डालने के बाद इससे गर्म न करें। अधिक जानकारी के लिए आप यहाँ  क्लिक करें। 

मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।