Thursday, November 1, 2018

वेल्डिंग सर्टिफिकेशन ट्रैनिंग प्रोग्राम

अक्सर हमारे गाँवों में जो बच्चे अपने पारिवारिक प्रस्थितिययों के कारण अपनी शिक्षा को बीच में ही छोड़ कर जॉब तलाशते हैं उन युवाओं के लिए वेल्डिंग सर्टिफिकेट ट्रैनिंग प्रोग्राम बहुत उपयोगी प्रोग्राम है। इस प्रोग्राम को करने के बाद व्यक्ति टेक्निकल हो जाता है और आराम से बडे से बडे  फेब्रिकेशन प्लांटों के साथ साथ अंर्तराष्ट्रीय कंपनियों में अच्छा मौका मिल जाता है। संपूर्ण देश मे इस तरह के प्रशिक्षण प्राप्त 5 से 8 प्रतिशत लोग ही होते है। अधिक जानकारी के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।






Monday, October 29, 2018

प्याज केवल सब्जी नही है।

प्याज का जादू: ऐसा करें तो हो जाएंगे पथरी के टुकड़े- टुकड़े

हमारे भारत में खाने को मसालेदार और स्वादिष्ट बनाने के लिए अनेक तरह के मसालों के साथ ही प्याज, लहसुन, अदरक, हरीमिर्च और धनिया आदि डालकर खाने को जायकेदार बनाया जाता है। स्वाद बढ़ाने वाली इन चीजों में कई ऐसे रासायनिक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिये वरदान से कम नहीं। क्योंकि ये वस्तुएं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को इतना अधिक बढ़ा देती हैं कि उस पर बीमारियां का असर होता ही नहीं। कहते हैं प्याज का तड़का खाने का स्वाद कई गुना बढ़ा देता है।

लेकिन प्याज सिर्फ खाने के स्वाद को ही नहीं बढ़ाता यह बहुत अधिक गुणकारी भी है। आइए आज हम आपको बताते हैं प्याज के कुछ ऐसे प्रयोग जिन्हें अपनाकर आप भी कई गंभीर समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।प्याज को काटकर सूंघने से भी सिर का दर्द ठीक होता है।  जो खाली पेट रोज सुबह प्याज खाते हैं उन्हें किसी प्रकार की पाचन समस्यायें नहीं होती और दिनभर ताजगी महसूस करते हैं। मासिक धर्म की अनियमितता या दर्द में प्याज के रस के साथ शहद लेने से काफी लाभ मिलता है। इसमें प्याज का रस 3-4 चम्मच तथा शहद की मात्रा एक चम्मच होनी चाहिए।  गर्मियों में प्याज रोज खाना चाहिए। यह आपको लू लगने से बचाएगा। प्याज का रस और सरसों का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर मालिश करने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है।

प्याज के 3-4 चम्मच रस में घी मिलाकर पीने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है। प्याज के रस में चीनी मिलाकर शर्बत बनाएं और पथरी से पीडि़त व्यक्ति को पिलाएं। इसे प्रात: खाली पेट ही पिएं। मूत्राशय की पथरी छोटे-छोटे कणों के रूप में बाहर निकल जाएगी। लेकिन ध्यान रहे, एक बार में इसका बहुत अधिक सेवन न करें। बवासीर में प्याज के 4-5 चम्मच रस में मिश्री और पानी मिलाकर नियमित रूप से कुछ दिन तक सेवन करने से खून आना बंद हो जाता है। घाव में नीम के पत्ते का रस और प्याज का रस समान मात्रा में मिलाकर लगाने से शीघ्र ही घाव भर जाता है। प्याज के रस में दही, तुलसी का रस तथा नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाएं। इससे बालों का गिरना बंद हो जाता है और रूसी की समस्या से भी निजात मिलती है।


Sunday, October 28, 2018

स्वरोजगार विना इन्वेस्टमेंट के कैंसे शुरू करें।

आज के समय में शिक्षा के आधुनिकीकरण और तकनीकी विस्तार से कारण अधिकांशतः युवा स्वविलम्बन की ओर मुखातिर हो रहे हैं। मगर सबसे बड़ी समस्या आती है ट्रैनिंग और वित्त की। दूसरा अपने पसंद और बाजार के उन स्वरूपों की जो समय या स्वरूप के अनुसार भी कुछ आगे तक ले जाने की क्षमता रखते हों।  ऐंसे कुछ चुनिंदा या यूँ कहें कुछ सदाबहार उद्यम हैं जिन से अपना कैरियर आगे बढ़ाया जा सकता है। यहाँ पर अनुभव की ज्यादा जरूरत नही पड़ती है और न ही आपको पूँजी लगाने की जरूरत महसूस होती है।
जैंसे इन्सुरेंस, प्रॉपर्टीज कन्सर्टटेंट, कन्टेंट राईटिंग, डिजाईनिंग, कैरियर काउंसलर, फाइनेंशियल एडवाईजर, गवर्मेंट स्किम इंफोर्मर्स, गवर्मेंट टेंडरिंग और डॉक्यूमेंटेशन, मार्केटिंग कन्सर्टटेंट, फोटो ग्राफी, ग्राफिक डिजाईनिंग, बुक राईटिंग, वेब पेज एडिटिंग, टूर कन्सर्टटेंट, ऑनलाइन सेलिंग, फेसबुक पेज मैनेजिंग, ट्यूशन सेंटर, टी काउंटर और फूड काउंटर आदि इस तरह बहुत से कार्य हैं जिन्हें हम सीधे तौर पर बिना पूँजी या थोड़ा बहुत पूँजी के साथ  घर से ही शुरू कर सकते हैं।





पपीते के फायदे

सस्ता और हर सीजन में मिलने वाला फल पपीता सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसे खाने से पेट संबंधी तकलीफें दूर होती हैं, वहीं बालों और स्किन को भी खूबसूरत बनाता है। इसके और भी कई लाभ हैं।

जिन लोगों को किडनी की तकलीफ होती है, उन्हें रोज पपीता खाना फायदेमंद माना जाता है।
दांत संबंधी तकलीफें भी पपीता खाने से दूर होती हैं। दांत हिलने, दांतों से खून आने और ऎसी परेशानियों में राहत मिलती है।
पपीता खाने से आंखों की रोशनी भी अच्छी बनी रहती है।
अगर पेट में कीड़े हों, तो कच्चे पपीते का जूस फायदा करता है। इसे दिन में दो बार पीने से कीड़े खत्म होने लगेंगे।
खाली पेट पपीता खाने से बवासीर की शिकायत दूर होती है।
सेंधा नमक, जीरा पाउडर और नीबू के साथ खाने पर कब्ज दूर होती है।
महिलाओं के लिए पपीते का रस बहुत लाभकारी होता है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान पपीता बहुत हानिकारक होता है, क्योंकि इसकी तासीर बहुत गर्म होती है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छी नहीं होती।

पपीते की पत्तियां भी रामबाण की तरह काम करता है, यह कैंसर को दूर करने में बहुत सहायक होती हैं।
पपीता वजन कम करने में भी काम आता है।
पपीते को मैश करके फेस पर लगाने से स्किन ग्लोइंग और मुलायम हो जाती है और रिंकल्स भी खत्म हो जाते हैं। इससे त्वचा जवां लगने लगती है।


Saturday, October 27, 2018

सपनों को कैंसे साकार करें

सपनों का पीछा तब तक करते रहें, जब तक आपकी मंजिल नही मिल जाती।  जॉब हो चाहे व्यवसाय इन दोनों के लिए के हम सभी लगातार संघर्ष करते हुये आ रहे हैं, किसी को जॉब चाहिए और किसी का सपना व्यवसाय का होता है परन्तु जैंसे जैंसे हम अपने शिक्षण संस्थानों से निकल कर इस प्रत्यक्ष बिंदु पर पंहुचते हैं सब कुछ भूल से जाते हैं जॉब और व्यवसाय क्या, कैंसे से ज्यादा महत्वपूर्ण यह हो जाता है कि बस किसी भी तरीके से जॉब मिल जाये, और जॉब भी उसी फील्ड में खोजते हैं जिस फील्ड की किताबें पढ़ कर निकले या जिस तरह के सर्टिफिकेट हमनें अपने शिक्षण संस्थओं से एकत्रित किये। यह एक सत्य है, नब्बे प्रतिशत लोग यही सब करते हैं और अपने जॉब या व्यवसाय के आस पास ही जीवन भर चक्र लगाते रहते हैं। आज का माहौल कुछ बदल सा गया है। हर ओर रास्ते बड़े सुन्दर दिखते हैं लेकिन हम जैंसे ही उन रास्तों की रफ्तार के मध्य खड़े होने की कोशिशें करते हैं तो चारों ओर सफल और असफल लोगों को खोजना शुरू कर देते हैं और इन दोनों पहलुओं को अपनी सीढ़ी बना लेते हैं अब रफ्तार भी उसी गति से बढ़ती है जिस गति से हम सोचते हैं। यह भी सत्य है कि सकारात्मकता की जगह नकारात्मकता अधिक प्रभावी होती है और हमनें कदम पर आगाह करती है असफल होने के लिए जिस वजह से हम अपना शतप्रतिशत नही दे पाते हैं। यह भी याद रहे, इसका दोष अब हम खुद की किस्मत को देते हैं।  जबकि किस्मत नाम की चिड़िया कभी होती ही नही है जिसने भी इस चिड़िया की खोज की है उसका उद्देश्य भी इस चिड़िया के नाम पर अपना व्यवसाय आगे बढ़ाने का रहा होगा। आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं विश्व में कितने बड़े बड़े ज्ञानी, वैज्ञानिक, समाजशास्त्री, न जाने कौन कौन कितने महान हुये यदि किस्मत की बात होती तो आज इंसान चांद के साथ साथ अन्य ग्रहों की यात्राएँ नही करता। बल्कि घर मे सो कर अपनी किस्मत को ही खोज रहा होता। छोड़ दीजिए किस्मत को दोष देना और अपने कदम जॉब या व्यवसाय की ओर आगे बढाईये। यदि कुछ अलग करना है तो दुनियॉ को मत दिखिये खुद के कदमों को देखना शुरू कीजिए। अपने एक एक कदम को जैंसे जैंसे आगे आगे बढ़ाते चलोगे उसकी एक एक हलचल लिखना शुरू कीजिए। यहीं से आपकी कहानी शुरू होगी और लोग आपको जानने लगेंगे। आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि लगातार सीढ़ियों पर ध्यान रखें हर सीढ़ी आपको रोकती रहेगी।  पथ पर नकारात्मकता ज्यादा प्रभावी होती है हमें यह ज्यादा प्रभावित भी करती है और अधिकांश लोग यही पर अपने सपनों को छोड़ कर लौटने लगते हैं या किस्मत का हवाला मान कर अपनी गति रोक देते हैं जबकि सच्चाई ये हैं हमें इस स्थिति में अत्यधिक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना होता है। सफलता का यही छोर हम में से अधिकांश नही पकड़ पाते हैं। आज जॉब भी हैं, व्यवसाय भी हैं, लोगो के पास दुनियॉ भर के आईडिया भी हैं, संसाधन भी हैं सफलता के आँकड़े हैं और आसफलता के परििणाम भी हैं बस जिसकी कमी है वह धैर्य हैै। 


Friday, October 26, 2018

गिलोय

गिलोय के रस के अनेक लाभ हैं, जैसे―वायु विकार (गैस) में कमी, गठिया व जोड़ के दर्द से राहत, बुखार (Anemia), मोटापा, शरीर में टूटन-जकड़न, अभूख (appetite loss), थकान, कमजोरी, सोरायसिस (psoriasis) आदि सम्बंधी तकलीफों में लाभ हुआ है। इनके लिए इसे आप भी आजमा सकते हैं।

गिलोय, वानस्पतिक नाम Tinospora cordifolia एक बहुवर्षीय लता है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। आयुर्वेद में इसको कई नामों से जाना जाता है जैसे अमृता, गुरुच या गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी आदि। गिलोय इतनी गुणकारी है कि इसका नाम अमृता रखा गया है। गिलोय की पत्त‍ियों में कैल्शि‍यम, प्रोटीन, फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसके तनों में स्टार्च की भी अच्छी मात्रा होती है।

आयुर्वेद के अनुसार यह बुखार की महान औषधि के रूप में मानी गई है। इसके अतिरिक्त यह निम्नलिखित बीमारियों में बहुत लाभ पहुँचाती है―

खून की कमी दूर करें
गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और शरीर में खून की कमी को दूर करता है। इसके लिए प्रतिदिन सुबह-शाम गिलोय का रस घी या शहद में मिलाकर सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।

मोटापा कम करें
गिलोय मोटापा कम करने में भी मदद करता है। मोटापा कम करने के लिए गिलोय और त्रिफला चूर्ण को सुबह और शाम शहद के साथ लें। या गिलोय, हरड़, बहेड़ा और आँवला मिला कर काढ़ा बनाकर इसमें शिलाजीत मिलाकर पकाएं और सेवन करें। इसका नियमित सेवन से मोटापा कम हो जाता है।

बुखार में फायदेमंद
गिलोय एक रसायन है जो रक्तशोधक, ओजवर्धक, हृदयरोगनाशक, शोधनाशक और लीवर टॉनिक भी है। गिलोय के रस में शहद मिलाकर लेने से बार-बार होने वाला बुखार ठीक हो जाता है। या गिलोय के रस में पीपल का चूर्ण और शहद को मिलाकर लेने से तेज बुखार तथा खांसी ठीक हो जाती है।

पेट के रोग में लाभकारी
गिलोय के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से पेट से सम्बंधित सभी रोग ठीक हो जाते हैं। इसके साथ ही आप गिलोय और शतावर को साथ पीस कर एक गिलास पानी में मिलाकर पकाएं। जब उबाल कर काढ़ा आधा रह जाये तो इस काढ़े को सुबह-शाम पीयें।

गैस दूर करे
गैस, जोड़ों का दर्द, शरीर का टूटना, असमय बुढ़ापा, वात के असंतुलित होने का लक्षण है। गिलोय का एक चम्मच चूर्ण घी के साथ लेने से वात संतुलित होता है।

गठिया
गिलोय का चूर्ण शहद के साथ खाने से कफ और सोंठ के साथ आमवात से सम्बंधित बीमारियां (गठिया) रोग ठीक होता है।

हृदय-रोग के लिए लाभकारी
गिलोय एक रसायन है, यह रक्तशोधक, ओजवर्धक, हृदयरोगनाशक, शोधनाशक और लीवर टॉनक भी है। यह पीलिया और जीर्ण ज्वर का नाश करती है अग्नि को तीव्र करती है, वातरक्त और आमवात के लिए तो यह महा विनाशक है।

पीलिया के मरीजों के लिए गिलोय लेना बहुत ही फायदेमंद है। कुछ लोग इसे चूर्ण के रूप में लेते हैं तो कुछ इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर पीते हैं। आप गिलोय की पत्त‍ियों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं। इससे पीलिया में फायदा होता है और मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है।

गिलोय और किडनी की समस्या―
गिलोय का रस मूत्रल है। यह वृक्कों (गुर्दो―Kidney) की प्रक्रिया तेज करके अधिक मूत्र निकालता है। गिलोय हमारे लीवर तथा किडनी में पाए जाने वाले रासायनिक विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। वात की खराबी से पैदा होने वाले मूत्र सम्बंधी रोग गिलोय के रस से दूर होते हैं।

गिलोय रस के नुकसान―वैसे तो गिलोय का रस बहुत ही फायदेमंद है लेकिन इसको ज्यादा मात्रा में लेने से आपको ये नुकसान भी हो सकते हैं―
➤जिन व्यक्तियों को गिलोय की बेल से एलर्जी है उनको इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
➤गिलोय का इस्तेमाल ज्यादा करने से आपको उल्टी या दस्त की समस्या हो सकती है।
➤यदि आप मधुमेह (diabetes) की औषधि ले रहे हैं तो बिना डॉक्टर से पूछे गिलोय का सेवन नहीं चाहिये।
➤गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी गिलोय का इस्तेमाल वर्जित है।
➤गिलोय को सर्जरी से पहले या ऑपरेशन के बाद सेवन नहीं करना चाहिए क्‍योंकि यह ब्‍लड शुगर को प्रभावित करता है, और इसके कारण सर्जरी के घाव सूखने में समस्‍या हो सकती है।

ब्‍लड शुगर का स्‍तर कम होने पर―
गिलोय के सेवन से ब्‍लड शुगर कम होता है। यह कब्ज और निम्न रक्त शर्करा (low blood sugar) की समस्या भी कर सकता है। इसलिए यदि ब्‍लड शुगर पहले से ही कम है तो गिलोय का सेवन बिलकुल भी न करें। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो ब्‍लड शुगर कम करते वक्‍त सावधानी बरतें। डायबिटीज में चिकित्‍सक की सलाह के बिना इसका सेवन न करें।

क्या छोटे बच्चों को गिलोय देना ठीक होगा?
बहुत छोटे बच्चों या फिर नवजात को गिलोय देना खतरनाक भी हो सकता है। अलबत्ता पांच साल की उम्र से बड़े बच्चों को गिलोय देने में कोई बुराई नहीं है। छोटे बच्चों को एक दिन में 250 मिलीग्राम से अधिक गिलोय बिल्कुल भी न दें।

पेट की समस्‍या होने पर―
अगर आपको पेट की समस्‍या है तो गिलोय का प्रयोग बिल्कुल न करें, क्‍योंकि इसके कारण अपच की शिकायत हो सकती है। अपच की समस्‍या होने पर इसका किसी भी तरह से (कैप्‍सूल या रस आदि) प्रयोग न करें। इसके कारण पेट में दर्द और मरोड़ की शिकायत भी हो सकती है।

स्व-प्रतिरक्षण शक्ति (Autoimmune) बीमारी का खतरा―
शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता (Immunity) का सुचारु होना बहुत जरूरी है, लेकिन यदि यह शक्ति बहुत अधिक सक्रिय हो जाये तो भी खतरनाक है क्‍योंकि इस स्थिति में ऑटोइम्‍यून बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। यानी गिलोय के अधिक सेवन से ल्‍यूपस, मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस आदि जैसी बीमारियां हो सकती हैं। अगर आपको ये बीमारियां हैं तो गिलोय का सेवन बिलकुल न करें।

गर्भावस्‍था के दौरान―
गर्भवती महिलाओं और स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए। क्‍योंकि इसके कारण इस दौरान शरीर पर नकारात्‍मक असर पड़ता है।

विशेष―डॉक्टर से पूछे बिना गिलोय या किसी अन्य औषधि का सेवन नहीं करना चाहिये। @
संग्रहकर्ता - श्याम सिंह रावत जी



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Thursday, October 25, 2018

स्टेनलेस स्टील डोर Stainless steel doors

घर मे प्रवेश करते ही यदि सुन्दर दरवाजे के दीदार हो जायें तो कहना ही क्या! यही से सकारात्मक ऊर्जा का एहसास मिलना शुरू हो जाता है। यह एक आध्यात्मिक और वैज्ञानिक तथ्य भी है। फिर भी यदि हम इन सभी बातों को दरकिनार कर दे तो भी  स्टेनलेस स्टील डोर (Stainless steel door )का अपने आप मे आजकल बहुत ज्यादा महत्व बन चुका है। घर का आकर्षण तो बना ही रहता है लेकिन सबसे बड़ी खूबी इसकी घर की सुरक्षा है। साधारण दरवाजों को कोई भी आसानी से खोल या तोड़ देते हैं मगर यदि तकनीकी द्वारा निर्मित स्टेनलेस स्टील डोर ( Stainless steel door) का आप उपयोग करते हैं तो 100%घर मे चोरी होने से बच जाती है। स्टेनलेस स्टील डोर काफी मजबूत होता है और जब इसका निर्माण इसके उपयोग में होने वाली तकनीकी से किया जाता है तब यह और अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। अधिक जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं।

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मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।