Wednesday, August 22, 2018


तुम क्या हो बिना जाने ये
क्या समझ बैठे हो खुद को
एक दीप क्या जला आगे
खुदा समझ बैठे हो खुद को।
उंगलियों की ताकत का ये नजारा
तमाशा है समझा दीजिए खुद को
यहाँ कौन ठहरा है भला मैदान में
आसान है समझना बता दो बुत को! © - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Tuesday, August 21, 2018

यदि संघर्ष ही करना है तो अपनी जिग्यांसाओं के झुरमुटों में अपने हृदय की आशाओं को टटोलते हुये आगे बढ़ो। निश्चित ही कोई नया रास्ता मिलेगा आने वाली पीढ़ी के लिए। @ राजेन्द्र सिंह कुँवर फरियादी'

Sunday, August 19, 2018

जीवन एक कैरियर अनमोल कैरियर है

हर व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को आगे बढ़ाना चाहता है हम लोग जिंदगी को कॉपी पेस्ट की जिंदगी नही बनाना चाहते हैं मगर इसके लिए खुद कितना संकल्प ले के हम खड़े हैं। यदि अपनी इच्छा के अनुरूप हम कार्य कर के आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं तो निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। कर्म का कोई विकल्प नही होता और कर्म जब इच्छा के अनुरूप हो तो कभी भी उलझने खड़ी नही होती हर ओर रास्ते बनते चले जाते हैं। बस हिम्मत डगमगा न पाये। हर किसी की जिंदगी से प्रेरणा जरूर लें मगर कार्य क्षेत्र अपनी इच्छा के अनुरूप ही चुने क्योंकि मजबूरी से चुना हुआ रास्ता सदैव थकान देता है। अपना कैरियर कभी भी दूसरों की सफलताओं को देख कर न चुने। मन को दृढ़ कर के अपना रास्ता तब तक तलाशते रहें जब तक धरती पर लहराते वृक्षों से हम जीवन रक्षक वायु ग्रहण कर रहे हैं। अब ये आप पर निर्भर करता है कि जिंदगी सीखते हुये जीना चाहते हो या जीते हुये सीख कर जिंदगी जीना चाहते हो। अपने कैरियर को पहिचान ने के लिए यहाँ पर  क्लिक करें। 
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Friday, August 17, 2018

ह्ववे जालू रे ह्ववे जालू रे
ह्ववे जालू!
तुम ज्योत जगा विकासकी
उजालु ह्ववे जालू!

पुंगड़ा बांजा राखा
पैंसा वाला सैर भाग
नेतौं का फैथर सेणी खाणी
भूल्या न!

मन्ख्यों तै मन्ख्यों की जुकुड़ी मा
मसेटू जन छाँ तुम गमजौणा
नेतौं का खातिर दिन रात
मुछाळी सी छा जुकुड़ी सुलगौंणा!

ह्ववे जालू रे ह्ववे जालू रे
ह्ववे जालू!
तुम ज्योत जगा विकासकी
उजालु ह्ववे जालू! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

#विकास
' आदरणीय अटल विहारी वाजपेयी जी की पवित्र आत्मा को कोटि कोटि नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि!!!

"मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, जिंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं।" विशुद्ध कवि ह्रदय, प्रबुद्ध राजनैतिक विचारक, काल के कपाल पर लिखने-मिटाने' वाली यह आवाज आज हमेसा हमेसा के लिए अटल हो गयी। विनम्र श्रद्धांजलि!!! कोटि-कोटि नमन #आदरणीयअटलविहारीवाजपेयी

Wednesday, August 15, 2018

स्वतंत्रता दिवस की आप सभी देशवासियों को ढेरों शुभकामनाएँ एवं बधाईयाँl



मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।